देश के यशस्वी आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के तीसरे कार्यकाल का एक साल 9 जून को पूरा हो गया। इस तरह भाजपा सरकार के 11 साल पूरे हो गए हैं। ऐसे में हम सब इसे बड़े स्तर पर सेलिब्रेट कर रहे हैं। मगर, सबसे बड़ा सवाल ये है कि इन 11 सालों में भारत कितना बदला? क्या आम लोगों के जीवन में कोई बदलाव आ पाया? क्या भारत की जनता उम्मीद करे कि आगे उनका भविष्य खुशहाल रहेगा? आपको मोदी जी की सरकार की ऐसी योजनाओं आई जिनके जरिए भारत में बड़े बदलाव आए। वर्षों से चल रही जिंदगी दौड़ पड़ी और 11 सालों बाद अब लगता है कि क्या पहले कभी ऐसा भी होता था। कई चीजें बाजार में बिकना ही बंद हो गईं। इसका कारण मोदी जी सरकार के आने के बाद उनकी जरूरत ही नहीं रह गई। जैसे-
1- लालटेन और मिट्टी का तेल- एक समय था जब हर घर में कम से कम एक तो लालटेन हुआ ही करता था। मिट्टी का तेल यानी केरोसिन तेल भी रखा रहता था। कारण बिजली का आना कम और जाना ज्यादा लगा रहता था। देश की राजधानी दिल्ली सहित देश भर में जमकर बिजली कटौती होती थी। कई-कई दिनों तक बिजली गुल रहती थी।।देश के कई ग्रामीण इलाकों में तो बिजली के तार तक नहीं पहुंचे थे। ऐसे में श्री नरेंद्र मोदी जी जब 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए उतरे तो उन्होंने इसे भी मुद्दा बनाया। उन्होंने 24 घंटे बिजली देने का सपना लोगों को दिखाया। और आज यह सपना सच भी हुआ है। आज भारत के 100 फीसदी इलाकों में बिजली पहुंच चुकी है। बिजली के आने-जाने का खेल भी खत्म हो गया है। अब कटौती होती भी है तो किसी खराबी के कारण या ओवरलोड होने के कारण। इस बदलाव का वाहक बनी दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना।
2- बेटा-बेटी में फर्क- देश में बेटियों के जन्म पर मातम सा माहौल घर में हो जाता था। अमीर से अमीर आदमी बेटी के जन्म लेने पर दुखी रहता था। कई तो गर्भ में ही बेटियों को मार देते थे। जन्म लेने पर उनका लालन-पालन तो किसी तरह कर दिया जाता था, मगर ज्यादातर परिवारों की मानसिकता यही रहती थी कि थोड़ा-बहुत पढ़ा-लिखाकर बेटी की शादी कर दी जाए। 22 जनवरी, 2015 को पीएम मोदी जी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरूआत की तो ये जन आंदोलन बन गया। पीएम मोदी जी ने आम लोगों को अपनी सोच बदलने पर मजबूर कर दिया। आज इस योजना के आने के बाद बेटियों को हर परिवार में बेटे की तरह ही पढ़ाया जाने लगा है। गर्भ में मारने की घटनाओं में भी काफी कमी आई है। सामाजिक स्तर पर ये बदलाव आसानी से महसूस किया जाने लगा है।
3- बाहर शौच करना- भारत के हर राज्य में बड़ी संख्या में लोग शौच करने बाहर ही जाते थे। घर में शौचालय नहीं होते थे। ग्रामीण क्षेत्रों में बाहर शौच पर जाना आम बात होती थी। पीएम मोदी जी ने 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की। आदरणीय मोदी जी ने लोगों को समझाया कि बाहर शौच करना न सिर्फ गंदगी फैलाना है, बल्कि ये स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। सरकार ने शौचालय बनवाने के लिए फंड देना शुरू किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के तहत उठाए गए कदमों से देश में तीन लाख बच्चों की जान बचाई गई है। फरवरी 2025 में जल शक्ति मंत्री आदरणीय श्री सीआर पाटिल जी ने राज्यसभा में यह जानकारी दी। मंत्री जी ने बताया कि सरकार की खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) की नीति के तहत देशभर में करीब 12 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं और अब तक 60 करोड़ लोगों को इस योजना का लाभ मिला है।
4- सड़कों पर कूड़ा फेंकना- भारत में सड़कों, पार्कों में कूड़ा फेंकना लोगों की आदत में शुमार था। यहां तक की ऐतिहासिक स्थलों, ट्रेनों और अन्य स्थानों पर कुछ भी लिख देना, गंदा कर देना जायज मान लिया गया था। प्रधानमंत्री मोदी जी ने इसके लिए भी जन-जागरण चलाया। स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुद झाड़ू लेकर सड़कों पर उतर गए। सभी मा0 जन प्रतिनिधियों और अधिकारीयो ने भी सफाई को लेकर सतर्कता बरतने लगे। ये भी जन-आंदोलन बन गया। धीरे-धीरे, सड़क, पार्क से लेकर गली-मोहल्ले और गांव भी साफ होने लगे। अब कोई कूड़ा फेंकता है तो लोग टोकने लगे हैं।
5- धुएं से मुक्ति- 2014 से पहले देश में ज्यादातर लोगों के पास गैस कनेक्शन नहीं था। ज्यादातर घरों में चूल्हे पर लकड़ी या कोयला जलाकर खाना पकता था। इससे खाना बनाने वाली मां-बहनों को गंभीर बीमारियां हो जाती थीं। मगर इस पर पूर्व की कांग्रेस सरकार क्या उनके परिवार वालों ने ही कभी ध्यान नहीं दिया। मगर प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस पर ध्यान दिया। 1 मई 2016 को प्रधानमंत्री उज्ज्वल योजना शुरू की गई। गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की महिलाओं को धुएं से मुक्त रसोई और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। इसके अंतर्गत सरकार महिलाओं को फ्री गैस कनेक्शन, एक गैस चूल्हा, और पहली गैस रिफिल मुफ्त देती है। उज्ज्वला योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक रसोई गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं। ये देश में बहुत बड़ा बदलाव था।
6- दफ्तरों के चक्कर काटना- 1 जुलाई 2015 को प्रधानमंत्री मोदी जी ने डिजिटल इंडिया की शुरूआत की। तब गांव तो क्या शहर के लोगों को भी एहसास नहीं था कि आने वाले सालों में क्या होना जा रहा है। इंटरनेट पहले से मौजूद था, मगर ये बहुत कम लोग इस्तेमाल किया करते थे। सरकार से लेकर आम आदमी का सारा काम कागजों, फाइलों और आमने-सामने संवाद पर टिका था। पैसों का लेन-देन ज्यादातर कैश या फिर चेक या ड्राफ्ट के माध्यम से होता था। सरकारी योजनाओं का भी सारा धन चेक या कैश के माध्यम से ही लोगों तक पहुंचता था। इसके चलते भ्रष्टाचार चरम पर था, पारदर्शिता की कमी थी और हर काम के लिए भागदौड़ करनी पड़ती थी। बिजली का बिल जमा करना है तो दफ्तर जाओ। फोन रिचार्ज करना है तो दुकान जाओ, राशन खरीदना है तो दुकान जाओ और सब कुछ कैश यानी नकद। डिजिटल इंडिया की ही देन है कि आज हर घर में या कहें हर हाथ में मोबाइल और हर मोबाइल में इंटरनेट पहुंचा तो गलत नहीं होगा। गांव में भी लोग अब डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं। सभी तरह का सरकारी फंड सीधे लोगों के खाते में पहुंच रहा है। किसी भी तरह का बिल जमा करना हो अब सरकारी दफ्तर जाने का झंझट नहीं, हर कोई डिजिटल पेमेंट कर रहा है। शिकायत भी अधिकारी की करनी है तो डिजिटल कर दीजिए। यहां तक की सब्जी खरीदकर और रिक्शे की सवारी कर भी भारत में डिजिटल पेमेंट किया जा सकता है। ये ऐसा बदलाव है, जो अब तक अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश भी नहीं कर पाए। ऐसी डिजिटल क्रांति वहां भी अब तक नहीं हुई। जन धन योजना के जरिए बैंकों में खाते खुलवाना भी इसी से जुड़ा हुआ एक अहम पहलू है।
*मोदी सरकार ने कैसे किया भारत का निर्माण*
1- मंदिरों का पुनर्विकास- प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में देश में मंदिरों के गलियारों और तीर्थ स्थलों का अभूतपूर्व पुनर्विकास हुआ है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, महाकाल लोक उज्जैन, मां कामाख्या मंदिर, राम मंदिर अयोध्या, केदारनाथ धाम और जूना सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार से भारत की आध्यात्मिक आत्मा को एक नई ऊर्जा मिली है। ये परियोजनाएं धार्मिक भावनाओं के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को भी प्रोत्साहित कर रही हैं।
2- सभी धर्मों के लिए हुआ काम- तीर्थयात्रा को सुगम बनाने के लिए सरकार ने चारधाम राजमार्ग परियोजना, हेमकुंड साहिब रोपवे और बौद्ध सर्किट विकास जैसी योजनाएं शुरू की हैं। करतारपुर कॉरिडोर ने भारत-पाक सीमा पर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब को भारतीय सिखों के लिए सुलभ बनाया है। भारत की समावेशी सांस्कृतिक पहचान को ध्यान में रखते हुए प्रसाद योजना के तहत मस्जिदों, चर्चों और अन्य धर्मों के पूजा स्थलों का भी पुनर्विकास किया गया है।
3- पर्यटन को फायदा- स्वदेश दर्शन और हृदय योजनाओं के माध्यम से पर्यटन एवं विरासत शहरों के विकास में समग्र निवेश किया गया है. इस समग्र विकास का परिणाम यह है कि 2024 में भारत में 9.66 मिलियन विदेशी पर्यटक आए और देश ने 2,77,842 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की आय अर्जित की।
4- खोई धरोहर वापस लाए- भारत की खोई हुई धरोहरों को वापस लाने के अभियान ने भी गति पकड़ी है। 2013 से पहले, विदेश से भारत को केवल 13 चोरी की गई प्राचीन वस्तुएं वापस की गई थी।हालांकि, 2014 के बाद से अब तक 642 प्राचीन वस्तुएं विभिन्न चरणों में भारत लौटाई गईं हैं, जिनमें से अकेले अमेरिका से 578 कलाकृतियां लौटी हैं। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
5- राष्ट्र-निर्माताओं को सम्मान- भारत के राष्ट्र-निर्माताओं को उचित सम्मान देने की दिशा में भी कई उल्लेखनीय कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री संग्रहालय, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, राष्ट्रीय पुलिस स्मारक, जलियांवाला बाग स्मारक और 11 आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय जैसे संस्थान देश की स्मृति में बलिदानों को जीवित रखते हैं। भारत मंडपम और नया संसद भवन भारत की सांस्कृतिक विरासत और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रतीक बनकर उभरे हैं।
6- संस्कृति का फैलाव- ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ अभियान और काशी तमिल संगमम जैसे आयोजनों ने भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के बीच सेतु का काम किया है। उत्तर प्रदेश में यशस्वी मुख्यमंत्री आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में महाकुंभ 2025 का आयोजन, जिसमें एक माह में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए, इस बात का प्रमाण है कि भारत में आध्यात्मिक एकता कितनी गहराई से रची-बसी है।
7- योग का महत्व- प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने योग को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ने दुनिया भर में स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। 2024 में उत्तर प्रदेश में 25.93 लाख लोगों ने योग की ऑनलाइन शपथ ली और कई विश्व रिकॉर्ड बनाए गए। 2025 का योग दिवस “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” थीम के साथ मनाया जाएगा।
8- आयुर्वेद को वैश्विक मान्यता- आयुर्वेद को भी वैश्विक मान्यता दिलाने के प्रयासों में तेजी आई है। आयुष मंत्रालय ने 24 देशों के साथ समझौते किए हैं और 35 देशों में आयुष सूचना केंद्र स्थापित किए हैं। जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर की स्थापना और “हील इन इंडिया” व “आयुष वीज़ा” जैसी पहलों ने भारत को समग्र चिकित्सा के वैश्विक केंद्र के रूप में उभारा है।
9- विश्व धरोहर स्थलों में बढ़ोतरी- भारत की यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी वृद्धि हुई है. जुलाई 2024 में असम के मोइदम्स को इस सूची में शामिल किया गया, जिससे अब भारत के पास 43 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं।
*मोदी जी की सरकार ने किसका किया विकास*
1- सड़क निर्माण और राजमार्ग विकास: मोदी जी की सरकार ने सड़क निर्माण और राजमार्ग विकास पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत गांवों में सड़क निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर काम किया है। आज हर गांव शहर से जुड़ चुके है।
2- रेलवे का आधुनिकीकरण: भारतीय रेलवे का आधुनिकीकरण किया गया है, जिसमें रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों का नवीनीकरण शामिल है। वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी आधुनिक ट्रेनें शुरू की गई हैं, जो यात्रा को अधिक आरामदायक और तेज़ बनाती हैं।
3- एयरपोर्ट विकास: कई नए एयरपोर्ट का विकास किया गया है और मौजूदा एयरपोर्ट्स का नवीनीकरण किया गया है, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
4- किसानों को मदद: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 12 करोड़ से अधिक किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत किसानों को मिट्टी की गुणवत्ता की जानकारी देने के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड योजना शुरू की गई।
5- गरीबों के लिए- आयुष्मान भारत योजना के तहत 50 करोड़ से अधिक लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की गई। इसी तरह मोदी सरकार की फ्री राशन योजना चलाती है, जिसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के नाम से जाना जाता है।।इसका उद्देश्य देश के गरीब वर्गों को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करना है। इस योजना के तहत, सरकार 80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति व्यक्ति 5 किलो मुफ्त अनाज प्रदान करती है।
*सेना के लिए मोदी सरकार ने क्या किया*
1- आत्मनिर्भर भारत: सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कई सुधार और नीतियां शुरू की हैं. इसका उद्देश्य विदेशी हथियारों पर निर्भरता कम करना और स्वदेशी क्षमताओं का विकास करना है।
2- रक्षा खरीद नीति: सरकार ने रक्षा खरीद नीति में बदलाव किया है ताकि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिले और आयात पर निर्भरता कम हो।
3- उन्नत हथियार और उपकरण: सेना को उन्नत हथियार और उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं, जैसे कि K9 वज्र-T स्व-चालित हॉवित्जर, M777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर और AK-203 असॉल्ट राइफलें।
4- भारतीय नौसेना: आईएनएस विक्रांत जैसे स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत और आईएनएस नीलगिरि जैसे स्टील्थ फ्रिगेट शामिल किए गए हैं।
5- भारतीय वायु सेना: राफेल लड़ाकू विमानों और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस को शामिल किया गया है।
6- साइबर और अंतरिक्ष युद्ध: सरकार ने साइबर और अंतरिक्ष युद्ध के क्षेत्र में भी प्रगति की है, जिसमें रक्षा साइबर एजेंसी और रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी की स्थापना शामिल है।
*अंतरिक्ष में मोदी सरकार ने क्या किया*
1- एक ही रॉकेट से 104 उपग्रह: 2017 में इसरो ने एक ही रॉकेट में 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण कर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया।
2- चंद्रयान-2: 2019 में भारत ने अपना दूसरा चंद्र मिशन चंद्रयान-2 लॉन्च किया, जिसमें एक ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर शामिल थे।
3- गगनयान मिशन: भारत सरकार ने गगनयान मिशन को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य 2025 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना है।
4- स्पेस स्टेशन विकसित करने की योजना: भारत का लक्ष्य 2050 तक अपना खुद का स्पेस स्टेशन विकसित करना है।
5- स्वदेशी तकनीक: भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में स्वदेशी तकनीक को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया है, जिससे देश की आत्मनिर्भरता बढ़ रही है।
आपको बता दे कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में कश्मीर घाटी की ट्रेन का सपना अब साकार हुआ है। घाटी के लोग अब कश्मीर से कन्याकुमारी तक जा सकते हैं। यह कार्य बहुत सराहनीय है। भाजपा सरकार ने कश्मीर को नया स्वरूप दिया है। पहले और अब के कश्मीर में जमीन-आसमान का अंतर आया है। पिछले कई साल में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। पिछले 11 साल में भारत ने बहुत तरक्की की है। भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
मोदी जी ने पिछले 11 सालों में न केवल देश के लिए विकास के रास्ते खोले, बल्कि लोगों की सोच को भी सकारात्मक बनाया। मोदी सरकार ने देश को देशभक्ति और आत्मविश्वास से भर दिया है। मोदी जी सिर्फ देश का विकास नहीं चाहते, बल्कि वे लोगों की सोच बदलना चाहते हैं। वे राष्ट्र को और भी मजबूत बनाना चाहते हैं। इन 11 सालों में बुनियादी ढांचे, तकनीक, रक्षा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रगति हुई है. सरकार का विजन 2047 तक का है, जो दीर्घकालिक और मजबूत है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दूरदर्शी सरकार के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में भारत ने पिछले दशक में अपनी अत्यधिक गरीबी दर को कम करने में प्रगति की है। देश में अत्यधिक गरीबी दर 2011-12 में 27.1 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई है. भारत में 2011-12 के दौरान कुल 344.47 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी में रह रहे थे, जो कि 2022-23 के दौरान घटकर लगभग 75.24 मिलियन लोग रह गए हैं. विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में लगभग 11 वर्षों में 269 मिलियन व्यक्तियों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश पांच राज्यों में 2011-12 के दौरान भारत के 65 प्रतिशत अत्यंत गरीब लोग रहते थे। वहीं, इन राज्यों ने 2022-23 तक अत्यधिक गरीबी में होने वाली कुल गिरावट में दो-तिहाई योगदान दिया. विश्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्ण रूप से, अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों की संख्या 344.47 मिलियन से घटकर केवल 75.24 मिलियन रह गई है। विश्व बैंक का आकलन 3.00 डॉलर प्रतिदिन की अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (2021 की कीमतों का उपयोग कर) पर आधारित है, जो कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में व्यापक कमी दर्शाता है। विश्व बैंक के अनुमानों के अनुसार, 2.15 डॉलर प्रतिदिन की खपत पर (2017 की कीमतों पर आधारित पिछली गरीबी रेखा) अत्यधिक गरीबी में रहने वाले भारतीयों की हिस्सेदारी 2.3 प्रतिशत है, जो 2011-12 में दर्ज 16.2 प्रतिशत से काफी कम है। विश्व बैंक के अनुसार, पीएम आवास योजना, पीएम उज्ज्वला योजना, जन धन योजना और आयुष्मान भारत जैसी पहलों ने आवास, स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन, बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बढ़ाया है।प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), डिजिटल समावेशन और मजबूत ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर ने पारदर्शिता और अंतिम छोर तक लाभों की तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित की है, जिससे 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से उबरने में मदद मिली है।