बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले के आरोपी की हिरासत में मौत के लिए मजिस्ट्रेट द्वारा आरोपित ठाणे के दो पुलिसकर्मियों ने सोमवार को इस दावे से इनकार किया कि कि उसकी हत्या फेक एनकाउंटर में की गई थी. इस मामले से संबंधित सुनवाई में हस्तक्षेप करने की अनुमति मांगने के लिए उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है.
उन्होंने एक खंडपीठ के समक्ष दायर अपने अंतरिम आवेदन में आरोपी अक्षय शिंदे के पिता के इस दावे को खारिज कर दिया कि पिछले साल 23 सितंबर को ठाणे जिले में फर्जी मुठभेड़ में उसकी हत्या कर दी गई थी. उन्होंने कहा कि उनकी सुनवाई के बिना पारित कोई भी आदेश समाज में उनकी प्रतिष्ठा को बहुत ठेस पहुंचाएगा.
इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच हुई थी, जिसमें पांच पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया गया है. मजिस्ट्रेट ने बॉम्बे हाई कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है. इसमें दावा किया गया कि अक्षय शिंदे को फर्जी मुठभेड़ में मारा था. जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की खंडपीठ ने रिपोर्ट का अवलोकन किया था.
इसके बाद कहा था कि सरकार इस जांच के आधार पर केस दर्ज करने के लिए बाध्य है. आरोपियों में ठाणे क्राइम ब्रांच के सीनियर इंस्पेक्टर संजय शिंदे, इंस्पेक्टर नीलेश मोरे, हेड कांस्टेबल अभिजीत मोरे, हरीश तावड़े और एक पुलिस ड्राइवर शामिल है. इन सभी के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए निर्देश दिया गया था.